अजीब विडंबना है की हम लोग चाहते है की सब कम सही हो, गवर्नमेंट ये नही करती , पानी की समस्या है सड़को मे जाम है, बिना पैसे के काम नही होता है ना जाने ऐसी कितनी बाते है पर
आप कभी ये सोचते है की हम कितना सहयोग दे रहे है इन सब को सुधारने मे...........सायद उत्तर.10% से भी कम हो....कोई कुछ करना चाहता ही नही,,,यहा सभी लोग केवल उम्मीद पर रहते है या भगवान भरोसे,,,यह सब तब तक नही बदलेगा जब तक सब लोग साथ नही सोचेंगे इस दिसा मे....सिर्फ़ सोचे ही ना उसको पर्दे पर उतरे भी|
कोई यातायात रूल्स फॉलो नही करता बत्ती जलने से पहले ही चल देते है| बिता किसी की परवाह किए इसमे वही लोग सामिल है जो समजते है कि हम काफ़ी काबिल है पर सच्चाई यह है कि ऐसे लोग ही सबसे बड़े जाहिल है ,,,,,,,,खुद ग़लत काम करते है और फिर समाज, देश बदलने की बात करते है| जिसमे हमारे देश के नासमझ नेताओ की तादाद बहुत ज़्यादा है जो देश को धर्म, जाति मे विभाजित करते है , बस| ज़रूरत है तो बस सबको अपनी ज़िम्मेदारी समझने की और सहयोग देने की ............जिससे की एक बेहतर समाज बने|
आप कभी ये सोचते है की हम कितना सहयोग दे रहे है इन सब को सुधारने मे...........सायद उत्तर.10% से भी कम हो....कोई कुछ करना चाहता ही नही,,,यहा सभी लोग केवल उम्मीद पर रहते है या भगवान भरोसे,,,यह सब तब तक नही बदलेगा जब तक सब लोग साथ नही सोचेंगे इस दिसा मे....सिर्फ़ सोचे ही ना उसको पर्दे पर उतरे भी|
कोई यातायात रूल्स फॉलो नही करता बत्ती जलने से पहले ही चल देते है| बिता किसी की परवाह किए इसमे वही लोग सामिल है जो समजते है कि हम काफ़ी काबिल है पर सच्चाई यह है कि ऐसे लोग ही सबसे बड़े जाहिल है ,,,,,,,,खुद ग़लत काम करते है और फिर समाज, देश बदलने की बात करते है| जिसमे हमारे देश के नासमझ नेताओ की तादाद बहुत ज़्यादा है जो देश को धर्म, जाति मे विभाजित करते है , बस| ज़रूरत है तो बस सबको अपनी ज़िम्मेदारी समझने की और सहयोग देने की ............जिससे की एक बेहतर समाज बने|
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