Wednesday, July 30, 2014

नमस्कार

नमस्कार दोस्तो, कैसे है आप लोग? आशा करता हू बेहतर होंगे| होना ही पड़ेगा..अब आप सोचेंगे जिंदगी मे सब कुछ यू ही मिल जाएगा तो ये तो मुमकिन नही है भाई...उठो जागो और अपने लक्ष्यो को प्राप्त करे.....जो भी आप चाहते है...यकीन रखिए....वक़्त लगेगा ...पर सफलता मिलेगी ज़रूर| तो फिर मिलते है फिर कभी तब तक आप अपना ख्याल रखिए|

Monday, July 28, 2014

लक्ष्य

कोई भी लक्ष्य आसान नही तो कोई भी लक्ष्य कठिन भी नही बस ज़रूरत है सही तरीके से अपने लक्ष्य मे समर्पित होकर मेहनत करने की जिससे की आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर सके और दूसरे के लिए भी प्रेरणास्रोत्र बन सके| आजकल के प्रतियोगी दौर मे बहुत लोग ऐसे भी मिलेंगे जो आपको दिग्भ्रमित भी कर सकते है ...आप नही कर सकते , आपसे कहा होगा ऐसे बहुत से साबद सुनाएँगे| पर इन सब फ़िजूल बातो मे अपना कीमती समय मत खराब करिए और अपना वक़्त पढ़ाई मे लगाए| मौके हज़ारो है बस ज़रूरत है सही दिशा मे मेहनत करने की |

Sunday, July 27, 2014

मंजिले



"मंजिले ख़त्म नही होती ,

बस अपना जुनून ना मरने देना"

Pyara jaha


na jane kaha gum gaya wo jaha

basti thi mohhabat

hota tha ek jaha

pyar tha logo me

kitna sundar tha sama

jane kaha gum ho gaya wo jaha

na nafrat thi dilo me

na maxhab ki thi diware

ab sab gum hai

sab jane kaha

wo pyara jana

wo pyara chaman

stop caste


stop caste

आज भी भले ही लोग अपने को समझदार , काबिल समझते हो और टेकनोलॉजी कितना भी आ गयी हो पर सच ये भी है कुछ लोगो को छोड़कर बहुत अधिक आबादी है जो आज भी जाति के कीचड़ भरे दलदल मे फसी हुई है और लोगो को इज़्ज़त उसकी ‪#‎जाति‬ देखकर देती है | अब तो सुधरो ‪#‎इंसानियत‬ निभाओ जो होनी चाहिए जो नही है उसके पीछे समय बर्बाद करते है|

Saturday, July 26, 2014

मंज़िल है अब दूर नही

मंज़िल है अब दूर नही,
बढ़ते रहो,बढ़ते रहो,
कितनी भी मुस्किल हो,
जिंदगी की राहो मे,
सब दूर हो जाएँगी,
तेरे अटूट विस्वाश से,
मंज़िल है अब दूर नही,
बढ़ते रहो,बढ़ते रहो,

-राहुल कुमार

Friday, July 25, 2014

कभी पास आती है यादे

कभी पास आती है यादे,
कभी दूर जाती है यादे,
कितने एहसासो से,
रूबरू करती है यादे,
जिंदगी के खूबसूरत लम्हो
को एक धागे मे बाँधती है यादे,
कभी पास आती है यादे,
कभी दूर जाती है यादे,
-राहुल कुमार

शिक्षा....एक बेहतर कल

 जिस दिन शिक्षा सभी को मिल पाएगी और हर कोई अपने जिंदगी के निर्णय खुद ले सकेंगे उस दिन ना तो उन्हे अपना नेता चुनने के लिए धर्म और जाति की राजनीति करने वाले जाहिल लोगो की ज़रूरत होगी और ना ही अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने के लिए समाज की कुत्सित रूढ़िवादिता आगे आएगी....आप कहेंगे की ये तो बड़ी असंभव बात है कहा होगा हमसे, पर बदलेगा तभी जब आप आगे बढ़ेंगे ......और समाज आज कुछ भी बेहतर हो पाया है हमसे पहले वाले लोगो ने हम सभी के लिया इतना किया ...अब हम सब एक बेहतर समाज बनाएँगे तभी तो आगे आने वाली पीढ़ी खुसहाल जिंदगी जी पाएँगे| हम सब को बहुत बड़ा कोई आयोजन नही करना है यदि हम सब दो या तीन लोगो को भी शिक्षित करते है तो बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है| बस चाहिए बदलाव का जुनून जिससे की आयेज आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर कल दे सके|तो आओ मिलकर सब सुरुवत करे|

नयी दिशा

  अजीब विडंबना है की हम लोग चाहते है की सब कम सही हो, गवर्नमेंट ये नही करती , पानी की समस्या है सड़को मे जाम है, बिना पैसे के काम नही होता है ना जाने ऐसी कितनी बाते है पर
आप कभी ये सोचते है की हम कितना सहयोग दे रहे है इन सब को सुधारने मे...........सायद उत्तर.10% से भी कम हो....कोई कुछ करना चाहता ही नही,,,यहा सभी लोग केवल उम्मीद  पर रहते है या भगवान भरोसे,,,यह सब तब तक नही बदलेगा जब तक सब लोग साथ नही सोचेंगे इस दिसा मे....सिर्फ़ सोचे ही ना उसको पर्दे पर उतरे भी|
कोई यातायात रूल्स फॉलो नही करता बत्ती जलने से पहले ही चल देते है| बिता किसी की परवाह किए इसमे वही लोग सामिल है जो समजते है कि हम काफ़ी काबिल है पर सच्चाई यह है कि ऐसे लोग ही सबसे बड़े जाहिल है  ,,,,,,,,खुद ग़लत काम करते है और फिर समाज, देश बदलने की बात करते है| जिसमे हमारे देश के नासमझ नेताओ की तादाद बहुत ज़्यादा है जो देश को धर्म, जाति  मे विभाजित करते है , बस| ज़रूरत है तो बस सबको अपनी ज़िम्मेदारी समझने की और सहयोग देने की ............जिससे की एक बेहतर समाज बने|

प्यार से रहो

भारत मे स्कूल-कॉलेज से ज़्यादा मंदिर,मस्ज़िद और गिरजाघर है और हर धर्म की बाते बताई जाती है ...प्यार से रहो,,जियो और जीने दो....पर समाज मे उसका असर क्यो नही दिखाई देता( दिखाई देता है पर बहुत कम) ये सोचने का प्रश्न है? सड़क पर यदि कोई ज़रूरतमंद है तो आख़िर किसी क पास 2 मिनिट क्यो नही है....जबकि सभी सुबह उठकर पूजा पाठ नियमित करेंगे...आख़िर भगवान भी तो यही चाहते है..उसकी बनाई कृति से प्यार करो...मिलकर रहो.

पानी....जीवन का आधार

जिंदगी मे जो भी चीज़े है उनका एक आधार है दुनिया मे विकसित कोई भी सभ्यता हो| सबके पीछे नदियो का बहुत बड़ा योगदान है जी हा हम बात कर रहे है पानी की इसके बिना जीवन संभव नही और दुनिया मे कई ऐसे इलाक़े है जहा लोगो को सारा दिन पानी के लिए परेशान होना पड़ता है तथा जिंदगी मे वह कोई बेहतर मुकाम नही बना पाते|फिर भी जहा पानी है सभी के लिए वहा पर लोग जिस तरह से पानी बर्बाद करते है...बड़ी दुख की बात है|ऐसा नही है की लोग पढ़े लिखे नही है किसी बात की जानकारी नही है...पर पढ़े लिखे और अपने को बेहतर समझने वाले लोग ही ऐसा काम अधिक करते है |पानी की टंकी भर गयी है पर जब तक २० मिनिट तक पानी बहा नही लेंगे तब तक बेहतर इंसान कैसे कहलाएँगे,ब्रश करने मे जहा एक मग पानी लगता है  पर बाल्टी भर से कम खर्च नही करेंगे तो काम कैसा चलेगा |अब यहा पर ऐसे लोगो से आप
कुछ कहेंगे तो तर्क देंगे भूल गये...एक बार घड़ी से टाइम देख ले की कितने समय मे आपकी टंकी भर जाती है तो उतने समय मे आप हर बार मोटर बंद कर देंगे जिससे की बिजली और पानी दोनो की बचत हो सके| आप कल्पना कर सकते है यदि हर घर से १ मिनट ही पानी बहा तो एक राज्य के सभी सहरो और गाओ को मिलकर देखेंगे तो कितना पानी बर्बाद हुया...आप समझ सकते है? और जैसे हम सभी लोग धर्म की महत्ता और भगवान की महत्ता सभी को बताते है अब समय आ गया है की पानी को भी भगवान की तरह पूजे और सही से प्रयोग करे|हम तभी भगवान और धर्म को कायम रख पाएँगे जब इंसान होंगे यानी पानी होगा बिन पानी सब सूना यह तो आप सभी लोग जानते ही है? तो कॉसिश करिए पानी का एक बूँध भी बर्बाद ना होने पाए और अन्या लोगो को भी जागरूक करिए .जिससे की हम इस जीवन रक्षक पानी को आगे भी बनाए रखे और इस सुंदर जहा मे जीवन यू ही आगे बढ़ता रहे| यह हम सभी की ज़िम्मेदारी है और इसको मिलकर ही पूरा किया जा सकता है|
-राहुल कुमार

Saturday, July 19, 2014

लोग‬ भाग रहे है

लोग‬ भाग रहे है ,
जाने कहा,
जाने किधर,
ना अपनो की सुध,
ना किसी की परवाह,
मरती इंसानियत ,
हर पल यहा,
अपनो के ही द्वारा,
रिस्ते होते सर्मसार यहा
क्या से क्या हो गये लोग यहा,
लोग भाग रहे है,
जाने कहा ,
जाने किधर?

-राहुल कुमार