Friday, July 25, 2014

प्यार से रहो

भारत मे स्कूल-कॉलेज से ज़्यादा मंदिर,मस्ज़िद और गिरजाघर है और हर धर्म की बाते बताई जाती है ...प्यार से रहो,,जियो और जीने दो....पर समाज मे उसका असर क्यो नही दिखाई देता( दिखाई देता है पर बहुत कम) ये सोचने का प्रश्न है? सड़क पर यदि कोई ज़रूरतमंद है तो आख़िर किसी क पास 2 मिनिट क्यो नही है....जबकि सभी सुबह उठकर पूजा पाठ नियमित करेंगे...आख़िर भगवान भी तो यही चाहते है..उसकी बनाई कृति से प्यार करो...मिलकर रहो.

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