Saturday, July 26, 2014

मंज़िल है अब दूर नही

मंज़िल है अब दूर नही,
बढ़ते रहो,बढ़ते रहो,
कितनी भी मुस्किल हो,
जिंदगी की राहो मे,
सब दूर हो जाएँगी,
तेरे अटूट विस्वाश से,
मंज़िल है अब दूर नही,
बढ़ते रहो,बढ़ते रहो,

-राहुल कुमार

No comments:

Post a Comment